INFLUENCE OF MODERN PAINTING ON HANDICRAFTS OF JODHPUR DISTRICT जोधपुर के हस्तशिल्पों पर आधुनिक चित्रकला का प्रभाव (original) (raw)

With the development of civilization, we get evidence of handicrafts creation art. Many types of were made by humans, whose use is seen in many forms. According to the demand of time and their utility, their form changed. In the present time, the forms, shapes, expressions etc. of the prevailing arts have been changed and influenced. In such a situation, how can ancient arts like handicrafts remain untouched. The desire for new art and new experiments have changed the meaning of handicraft art. In this context, the influence of modern painting can also be on the handicrafts being made in jodhpur district. Handicrafts made of wood and iron sheet can also be seen combined and separately. In this work, handicrafts are being made from 80:20 part of wood and iron sheet and only iron sheet, in which the creation of spiritual form, natural form, human figures and animal and bird forms is very artistic. The mutual competitions have also changed the sentiments and thoughts of the handicraftsmen. Combining antiquity and modernity with the influence of new promises, a new revolution is being initiated in the field of handicrafts. In the present time, handicraft art has also covered the colors, forms and expressions of modern painting.सभ्यता के विकास क्रम के साथ ही हमें हस्तशिल्प सृजन कला के प्रमाण मिलते है। मानव द्वारा कई प्रकार के हस्तशिल्प बनाये गये, जिनका उपयोग कई रूपों में दृष्टिगत होता है। समय की मांग और इनकी उपयोगिता के आधार पर इनके स्वरूप बदलते गये। वर्तमान समय में प्रचलित कलाओं के रूप, आकार, भाव आदि परिवर्तित व प्रभावित हो चुके है। ऐसे में हस्तशिल्पीय जैसी प्राचीन कलाएँ कैसे अछूती रह सकती है। नूतन कला की चाह और नवीन प्रयोगों ने हस्तशिल्पीय कला के मायने ही बदल दिये है। इसी संदर्भ में जोधपुर जिले में बनाये जा रहे हस्तशिल्पों पर भी आधुनिक चित्रकला के प्रभावों को देखा जा सकता है। लकड़ी व लौह चद्दर से बने हस्तशिल्पों को संयुक्त व पृथक रूप में भी देखा जा सकता है। इस कार्य में लकड़ी व लौह चद्दर का 80ः20 भाग एवं सिर्फ लौह चद्दर से भी हस्तशिल्प बनाये जा रहे है, जिनमें आध्यात्मिक रूप, प्राकृतिक रूप, मानवाकृतियॉ व पशु-पक्षी रूपों का सृजन अत्यंत ही कलात्मक है। आपसी प्रतिस्पर्द्धाओं ने हस्तशिल्पी के भावों और विचारों को भी परिवर्तित कर दिया है। नये-नये वादों के प्रभाव के साथ पुरातन व आधुनिकता का मेल करते हुए हस्तशिल्पीय कला के क्षेत्र में मानों नवीन क्रान्ति का सूत्रपात किया जा रहा हो। वर्तमान समय में हस्तशिल्पीय कला भी आधुनिक चित्रकला के रंग, रूप और भावों का आवरण ओढ़ चुकी है।