Karwa Chauth 2023: करवा चौथ पर करें प्राचीन चौथ माता मंदिर के दर्शन, मिलता है अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद (original) (raw)
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Chauth Mata mandir- फोटो : Social Media
Karwa Chauth 2023: करवा चौथ 1 नवंबर को मनाई जा रही है। करवा चौथ के मौके पर सुहागिन अपने पति की लंबी आयु की कामना से उपवास करती हैं और चौथ माता की पूजा करते हैं। वैसे तो करवा चौथ पर घर पर ही चौक बनाकर पूजा की जाती है लेकिन इस मौके पर आप देश के सबसे पुराने और बड़े चौथ माता के मंदिर के दर्शन के लिए जा सकते हैं। यह मंदिर देश के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। जहां करवा चौथ के मौके पर दो से तीन लाख महिलाएं पूजा करती हैं। करवा चौथ पर आप भी चौथ माता मंदिर के दर्शन के लिए जा सकती हैं। आइए जानते हैं कहां स्थित है चौथ माता का मंदिर, क्या है इससे जुड़ी मान्यताएं और इतिहास।
कहां स्थित है चौथ माता मंदिर
चौथ माता का मंदिर राजस्थान में सवाई माधोपुर के बरवाड़ा नामक नगर में पास स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 1451 में कराया गया था। मंदिर हजारों फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
क्या है मंदिर का इतिहास
चौथ माता का मंदिर राजा भीम सिंह ने कराई थी। कहा जाता है कि देवी चारू माता ने स्वप्न में राजा भीमसिंह चौहान को दर्शन देकर मंदिर बनवाने का आदेश दिया था। राजा जब शिकार पर निकले तो उन्हें चौथ माता की प्रतिमा मिली। जिसे लेकर वह बरवाड़ा वापस आ गए और पुरोहितों की सलाह से बरवाड़ा की पहाड़ की चोटी पर माघ कृष्ण चतुर्थी को प्रतिमा की स्थापना की गई। हर साल इस दिन मंदिर में चौथ माता का मेला लगता है।
सुहागिन सौभाग्य का मांगती हैं वरदान
कहते हैं कि मंदिर में विवाहित जोड़ों पर विशेष कृपा रहती है। यहां करवा चौथ के मौके पर सुहागिन स्त्रियां अपने पति की रक्षा के लिए प्रार्थना करने आती हैं। चौथ माता देवी गौरी का ही रूप हैं। माता गौरी की पूजा से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।
कैसे पहुंचे चौथ माता मंदिर
मंदिर में सालों से अखंड ज्योति जल रही है। यह राजस्थान के 11 प्रसिद्ध मंदिरों में शुमार है। यहां पहुंचने के लिए सवाई माधोपुर शहर से 35 किमी दूर बरवाड़ा नामक गांव में जाना पड़ेगा। यहां जाने के लिए निजी गाड़ी, बस या टैक्सी की सुविधा मिल सकती है। मंदिर परिसर तक पहुंचने के लिए लगभग 700 सीढ़ियां चढ़नी होती हैं।