Sawai Madhopur Assembly Election Results 2023: सवाई माधोपुर में बीजेपी किरोड़ी लाल मीणा ने कांग्रेस के दानिश अबरार को पछाड़ा, 19,175 वोटों से दर्ज की जीत (original) (raw)
Rajasthan Pradesh Assembly Election Results: राजस्थान की सवाई माधोपुर विधानसभा सीट (Sawai Madhopur Vidhansabha Seat Result) पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) ने कांग्रेस प्रत्याशी विधायक दानिश अबरार (Danish Abrar) को 19,175 वोटों से हाकर विधानसभा में अपनी सीट पक्की की है।
किसे मिले कितने वोट, क्या रहा जीत का अंतर ?
संवाई माधोपुर विधानसभा सीट पर जीत दर्ज करने वाले बीजेपी के राज्य सभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा को 81087 वोट मिले हैं, दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार दानिश अबरार को 58577 वोट मिले हैं। किरोड़ी लाल मीणा ने कांग्रेस उम्मीदवार दानिश अबरार को 22510 वोटों के अंतर से हराया है। तीसरे नंबर पर रहीं निर्दलीय उम्मीदवार आशा मीना को 36251 वोट मिले हैं।
बीजेपी ने इस बार किरोड़ी लाल मीणा पर खेला दांव
सवाई माधोपुर विधानसभा सीट पर कुल मतदाताओं की 2,36,199 है। साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में 1,63,584 मतदाताओं ने मतदान किया था। इस चुनाव में कांग्रेस के अबरार को 85,655 वोट मिले थे। उन्होंने भाजपा की आशा मीना को 25,000 वोटों के अंतर से शिकस्त दी थी।
2018 चुनाव में कांग्रेस के अबरार ने जीत हासिल की थी
इस क्षेत्र में मीना, मुस्लिम और गुर्जरों की अच्छी खासी संख्या है। यह तीनों जातियां नतीजों को प्रभावित करती हैं। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में अबरार को मुस्लिमों, गुर्जरों और अन्य समुदायों का अच्छा खासा वोट मिला था, इसलिए अबरार ने इस सीट पर अच्छी जीत दर्ज की।
2018 में बीजेपी मे आशा मीणा को दिया था टिकट
साल 2018 में भाजाप ने यहां से आशा मीणा को टिकट दिया था। उन्होंने इस बार भी टिकट की दावेदारी की थी, लेकिन पार्टी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। टिकट न मिलने से नाराज आशा निर्दलीय मैदान में हैं। आशा मीना की इलाके में अच्छी पकड़ है। मीणा मतदाता उनको बढ़-चढ़कर वोट देता है। ऐसे में अगर मीणा वोट विभाजित होता है तो इसका खामियाजा बीजेपी को भुगतना पड़ सकता है।
आशा मीणा निर्दलीय लड़ रहीं चुनाव, मुकाबला त्रिकोणीय
आशा मीणा के निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने से यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। बीजेपी प्रत्याशी किरोड़ी लाल मीणा को पहले तो अपने समुदाय का वोट ठीकठाक मिलेगा। इसके बाद उन्हें बीजेपी के पारंपरिक वोटर ब्राह्मणों का भी साथ मिलेगा। कांग्रेस से नाराज गुर्जर भी उनके साथ जा सकते हैं। अब कांग्रेस की बात करें तो उसके साथ प्लस पॉइंट ये है कि उसने मौजूदा विधायक अबरार को ही मौका दिया है। 2018 के चुनाव में उन्हें मुस्लिम, मीणा और गुर्जरों का अच्छा सपोर्ट मिला था। इस बार मीणा वोट बंटने की वजह से यहां समर्थन थोड़ा कमजोर हो सकता है।