Priyanka Gandhi का राजस्थान से भी है गहरा नाता, पूरे परिवार को है ये जगह पसंद (original) (raw)

जयपुर।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने नेहरु-गांधी परिवार की एक और सदस्य ‘प्रियंका गांधी वाड्रा‘ (Priyanka Gandhi Vadra) को भी सक्रिय राजनीति में उतार कर उन्हें कांग्रेस का महासचिव नियुक्त किया है साथ ही प्रियंका को पूर्वी उत्तरप्रदेश की भी जिम्मेदारी दी गई है। कांग्रेस अध्यक्ष Rahul Gandhi की बहन प्रियंका गांधी का ‘राजस्थान‘ से भी गहरा नाता है। प्रियंका गांधी वाड्रा बाघों का दीदार करने के लिए अपने परिवार के साथ अक्सर राजस्थान आया करती हैं। सवाई माधोपुर स्थित वन्य जीव अभ्यारण रणथंभौर में बाघों और अन्य वन्य जीवों की फोटोग्राफी के लिए आती रहती हैं। रणथंभौर में बाघों के एक विशेष सीन के लिए प्रियंका एक बार 45 डिग्री तापमान में चार घंटे लगातार तपती रही और जब बाघ आए तो वे तीन घंटे तक उन्हें निहारती रहीं।

सवाई माधोपुर में स्थित रणथंभौर प्रियंका गांधी की मनपसंद जगहों में से एक है। वे अक्सर यहां अपने परिवार के साथ आती रहती हैं। वन्य जीवों के प्रति प्रेम रखने वाली प्रियंका फोटोग्राफी की शौकीन हैं। प्रियंका को वन्य जीव की फोटो लेने का शौक 13 साल की उम्र से ही लग गया था। तब वे पहली बार अपने पिता राजीव गांधी के साथ रणथंभौर आई थीं। तब प्रियंका ने अपने बच्चों के लिए शिकार करती एक बाघिन का ब्लैक एंड व्हाइट फोटो भी लिया था। उन्होंने वन्य जीवों के प्रति प्रेम का यह श्रेय अपने पिता राजीव गांधी को दिया है। उनका कहना है कि उन्हीं ने मुझे फोटो लेना सिखाया।

प्रियंका गांधी के कैमरे से लिए गए फोटो पर आधारित एक मेगासाइज कॉफी टेबल बुक भी प्रकाशित हुई जिसे जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में प्रदर्शित किया गया था। दॅ टाइगर्स रीम शीर्षक से प्रकाशित यह पुस्तक कॉफी टेबल बुक से काफी हटकर है। इसमें होटेलियर और वन्यजीव तथा प्रियंका गांधी के मित्र जैसलसिंह और अंजलीसिंह का भी सहयोग है। यह पुस्तक इन तीनों के नाम से छपी है। राजीव गांधी को समर्पित इस पुस्तक में रणथंभौर के खूबसूरत फोटो हैं, जिनमें बाघों की विभिन्न मुद्राओं को दर्शाया गया है। इसका डिजाइन खुद प्रियंका गांधी ने तैयार किया है।

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